सजा है माता का दरबार
सजा है माता का दरबार
सजा है माता का दरबार मां की महिमा अपरंपार,
मां के मंदिर में झिलमिल झिलमिल दीप जले।
मां की चुनरी लाल लाल लाल ही बिंदी सजे है भाल,
मां की नथिया चम चम चमकार भरे।
मां की पूजा का हंकार सुनकर आए भक्त हजार,
भक्त जन मां की जय जय जयकार करें।
पूजा के फूल लाल लाल रोली अक्षत चंदन थाल,
ले कर माता के दरबार सारे भक्त खड़े।
माता आयी शेर पर सवार करने दुष्टों का संघार,
भक्त जन माता की महिमा का गुणगान करें।
मां के त्रिशूल वाले हाथ रहते भक्तजनों के साथ,
ये तो दुश्मन के दिल में भय का संचार करे।
मैया दे दो न आशीष द्वार खड़े हैं झुकाए शीश,
मैया स्नेह से अपने भक्त के सिर पर हाथ धरो।
माता सब की पुरायें आस भक्त के दिल में करे, निवास,
माता दुखियों के जीवन का संताप हरें ।
माता का जागरण है आज भजन की गूंज रही आवाज,
मंदिर में घंटी की टन टन टनकार मचे ।
स्वरचित
©®
निर्मला कर्ण
राँची झारखण्ड
23:10:2023
Mohammed urooj khan
25-Oct-2023 12:21 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
25-Oct-2023 08:35 AM
बहुत खूब
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Punam verma
24-Oct-2023 08:13 AM
Nice👍
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